
Shiv Khori Gufa Katra (शिव खोड़ी गुफा, कटरा)
शिव खोड़ी (Shiv Khori) गुफा भगवान शिव से जुड़े स्थानों में एक दुर्लभ स्थान माना जाता है। शिव खोड़ी गुफा का निर्माण स्वयं भगवान शिव ने अपने त्रिशूल की नोक से की थी। उन्होंने भस्मासुर से बचने के लिए यहां शरण ली थी। क्योकि वरदान के बाद भष्मासुर स्वयं भगवान शिव को ही भष्म करना चाह रहा था और उस स्थिति में भगवान शिव को स्वयं को तो बचाना ही था साथ ही अपने परिवार (Shiv Pariwar) को भी उससे बचाना था इसलिए उन्होंने पार्वती, गणेश और कार्तिक के साथ यहां शरण ली थी।

भगवान शिव ने भष्मासुर को वरदान दिया था
जब भगवान शिव ने भष्मासुर को वरदान दे दिया कि वह जिसके भी सर पर हाथ रखेगा, वह जल कर तत्काल मर जाएगा ऐसे में अब दुष्ट दैत्य मनमानी करता हुआ स्वयं भगवान शिव को ही भष्म करने के लिए आगे बढ़ा। तब भगवान शिव तत्काल परिवार सहित उससे बचने के लिए ऐसे स्थान की तलाश में भागने लगे जहाँ वह दैत्य न आ सके। इसी के बाद भगवान शिव माता पार्वती, अपने दोनों पुत्र गणेश और कार्तिक के साथ यहां इस पर्वत में आ गए और इसी स्थान पर अपने त्रिशूल से गुफा बनाकर छिप गए।
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भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके उस दुष्ट का वध किया
भगवान शिव ने अपने बचाव के लिए भगवान विष्णु का आह्वान किया। इसके बाद भगवान विष्णु तत्काल शिव की रक्षा के लिए आ गए और वह दैत्य भष्मासुर (Bhasmasur) के सामने एक सुन्दर की स्त्री का रूप धारण करके उसके सम्मुख प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने दैत्य को अपने साथ नृत्य करने के लिए कहा और फिर भष्मासुर वासना में पागल होकर भूल गया कि वह जिसके भी सर पर हाथ रखेगा, वह जल जाएगा। इसी क्रम में वह नृत्य करते हुए अपने ही सर पर हाथ रख दिया और स्वयं ही अपने वरदान का शिकार हो गया।

शिव खोड़ी गुफा में भगवान शिव परिवार सहित विराजते है
शिव खोड़ी में भगवान शिव परिवार सहित बास करते है। इस गुफा में भगवान शिव के शिवलिंग के अलावे माता पार्वती, भगवान श्री गणेश और कार्तिक की भी प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही यहां एक स्थान पर माता वैष्णो देवी स्थापित है। क्योकि वह भी इस स्थान पर भगवान शिव से मिलने आयी थी, इसी कारण उनका भी यहां स्थान बना हुआ है। जैसे वैष्णो देवी त्रिकूट पर्वत पर स्थित है वैसे ही यह गुफा शिवालिक की पर्वत श्रृंखलाओं (Shivalik Parvat) में स्थित है। यह प्राकृत है और अति प्राचीन भी है। इस गुफा में स्थित शिवलिंग (Shivling) कोई मानव निर्मित नहीं है बल्कि यह प्रकृति निर्मित शिवलिंग है। यहाँ शिवलिंग के अलावे अन्य दुर्लभ प्रतिमा भी विराजमान है। आज इस गुफा की गिनती सनातन धर्म (Sanatan Dharm) के प्रमुख तीर्थस्थलों में होती है।

शिव खोड़ी कैसे पहुंचे ?
शिव खोड़ी जम्मू से लगभग 140 किमी स्थित है जबकि यह कटरा से लगभग 80 किमी दूर है। शिव खोड़ी उधमपुर जिले में पड़ता है। यह भगवान शिव से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पहुंचने के लिए पहले कटरा जाना पड़ता है। यही से माता वैष्णो देवी और शिव खोड़ी के लिए यात्रा प्रारंभ होती है।
कटरा से शिव खोड़ी जाने वाले मार्ग में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों वाला मंदिर भी है। यहाँ माँ नवदुर्गा पिंडी रूपी गुफा में में विराजमान है। यहां पर नवदुर्गा नौ पिंडियों के रूप में नौ देवियां विराजमान है। शिव खोड़ी के प्रवेश द्वार को शिवम द्वार के नाम से जाना जाता है। शिवम् द्वार (Shivam Dwar) से ही शिव खोड़ी का मार्ग आगे जाता है। यही से शिव खोड़ी की यात्रा प्रारंभ होती है।
आगे जाने पर गणेश मुख पर्वत आता है। यह यात्रा का मध्य दुरी है। यहाँ का दृश्य बड़ा मनोरम है। इसी के बाद शिव खोड़ी गुफा का प्रवेश द्वार दीखता है। गुफा के अंदर प्रवेश करने पर वहां स्थित शिवलिंग का दर्शन होता है। इसके अलावे यहां शिव परिवार और माता वैष्णो (Mata Vashno Devi) के भी दर्शन होते है। इसलिए यदि कटरा (Katra) जाएं तो शिव खोड़ी (Shiv khodi) जाने की योजना अवश्य बनाये।
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लेखन :
Bahut badhiya 🙏🏻🙏🏻 har har mahadev 🙏🏻🙏🏻
जवाब देंहटाएंहर हर महादेव 🙏
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