
श्री देवी तालाब शक्तिपीठ, जालंधर (पंजाब)
सनातन धर्म में शक्तिपीठो का महत्व सबसे अधिक है। देश भर में कई शक्तिपीठ है। जहाँ जहाँ सती के अंग गिरे थे वहां वहां शक्तिपीठ का निर्माण हुआ है। पंजाब के जालंधर शहर में भी एक शक्तिपीठ है। वैसे तो जालंधर शहर का नाम असुर राज जालंधर के नाम पर पड़ा है पर यह शहर देवी की शक्तिपीठ के लिए भी जाना जाता है। जब भगवान् शिव सती के शव को लेकर जगह जगह भटक रहें थे तब भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से यही पर देवी सती का बांया स्तन गिरा था उसी के बाद यहाँ देवी की शक्तिपीठ की स्थापना हो गई।
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जालंधर का श्री देवी तालाब मंदिर देखने योग्य है
जालंधर का श्री देवी तालाब मंदिर देखने योग्य है। बताया जाता है माँ दुर्गा का यह मंदिर करीब दो सौ वर्ष पुराना है। मंदिर में एक बड़ा सा तालाब है और उसके बीच में माँ दुर्गा का एक भव्य मंदिर है जबकि तालाब के पास पास अन्य मंदिर स्थित है। धार्मिक स्थल होने के साथ ही यह बड़ा रमणीक है, जो अनायास ही किसी का भी मन मोह लेता है। आज देवी तालाब मंदिर जालंधर शहर की पहचान बन गयी है। श्री देवी तालाब के सरोबर का धार्मिक महत्व है। मंदिर के पास ही सरोबर के होने के कारण ही इस मंदिर को ‘श्री देवी तालाब’ के नाम से पुकारा जाता है और यही नाम इस मंदिर की पहचान बन गयी है। सरोबर मछली और कछुआ से भरा हुआ है। यहाँ आने वालो के लिए यह दृश्य भी बड़ा मनभावन है।
यहां माता त्रिपुरमालिनी की शक्तिपीठ है
जालंधर रेलवे स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित इस भव्य मंदिर में माता त्रिपुरमालिनी की शक्तिपीठ है। अर्थात मुख्य मंदिर माँ त्रिपुरमालिनी देवी का है जबकि इस भव्य व विशाल मंदिर परिसर में अन्य छोटे बड़े मंदिर भी है। जहाँ घूमकर भक्ति और आनंद का सहज अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ के बारें में एक मान्यता है कि जो भी भक्ति भाव से एक बार भी माता के दरवार में आता है, उनकी कामनाएं जरूर पूरी होती है।
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श्री देवी तालाब मंदिर परिसर में माँ त्रिपुर मालिनी मंदिर के अलावे कई अन्य मंदिर भी हैं
श्री देवी तालाब मंदिर परिसर में माँ त्रिपुर मालिनी मंदिर के अलावे दुर्गा मंदिर, भद्रकाली माता मंदिर, शीतला माता मंदिर, श्री बालाजी मंदिर, राम मंदिर, शिव मंदिर, वैष्णो देवी गुफा दर्शन, अमरनाथ गुफा दर्शन प्रमुख है। सरोबर के बीच में माँ दुर्गा का मंदिर स्थित है।
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राजीव सिन्हा & रिति तनेजा के साथ दर्शन करें श्री देवी तालाब में स्थित भद्रकाली का | Ajit Kumar Sinha
लेख: राजीव सिन्हा
जय माँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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