Hindu Vote for Hindu Party Only......!!
हिन्दुओ को किस पार्टी और किस कैंडिडेट को वोट करना चाहिए? क्या हिन्दुओ को अपनी जाति देखकर वोट करना चाहिए? नहीं !
अगर आप जाति के आधार पर वोट करेंगे, भाषा के आधार पर वोट करेंगे, क्षेत्र के आधार पर वोट करेंगे, पॉलिटिकल पार्टियों का सिंबल देखकर वोट करेंगे, नेताओं की फोटो देखकर वोट करेंगे तो देश में कभी बदलाव नहीं होगा और हिन्दुओ के साथ घोर अन्याय होगा जैसा होता आ रहा है और जैसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और बांग्लादेश जैसे देशो से से समाप्त हो गए वैसे ही पूरे भारत से एक दिन समाप्त हो जाएंगे।
ध्यान रहें, देर तो अब भी हो गई है क्योकि जेहादियों ने अपनी पहुंच बढ़ा ली है और देश की राजनैतिक पार्टियां व बुद्धिजीवी वर्ग शुरू से वोट बैंक व सेक्युलरिज्म के नाम पर हिन्दुओ को मटियामेट करने का काम शुरू से करते आ रहे है लेकिन अगर यही क्रम अब भी जारी रहा और अब भी जेहादियों के विरुद्ध करवाई नहीं हुई, घुसपैठ के विरुद्ध कठोर कानून नहीं बना, धर्मांतरण नियंत्रण कानून नहीं बना, जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना, समान नागरिक संहिता लागू नहीं हुई और समान शिक्षा लागू नहीं हुई तो अगले 25 वर्ष में भारत में हिन्दुओ का रहना कठिन हो जाएगा। क्या आप जानते है भारत के नौ राज्यों में हिन्दुओ अपल्पसंख्यक हो चुके है, भारत के 200 जिलों में हिन्दुओ अल्पंख्यक हो गए है, भारत के 300 तहसीलों से हिन्दू अल्पंख्यक हो गए है तो यही क्रम जारी रहा तो आप हिन्दू एक दिन अपने ही जिलों में भी अल्पसंख्यक हो जायेंगे और जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक होता है और मुस्लिम बाहुल्य होता है वहां की स्थिति क्या होती है यह किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं है।
ये भी पढ़े :
विश्व का सबसे प्राचीन, सहनशील व सभी धर्मो का जनक - सनातन धर्म
उस समय कोई बचाने नहीं आएगा, आज के अच्छे नेता जिन नेताओं के लिए आप जय जयकार कर रहे हैं वे आज से 25 वर्ष के बाद आपके बच्चों को बचाने नहीं आएंगे। अगर कोई बचाएगा तो वह है आज का अच्छा कानून । यही अच्छा कानून आज से 25 वर्ष बाद आपके बच्चों को बचाएगा। इसलिए हिन्दुओ को चाहिए कि वे नेताओं का चेहरा देखकर, जाति देखकर वोट नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें वोट करना चाहिए जो हिन्दुओ हित की बात कर रहा हो, जो लव जिहाद के विरुद्ध बोल रहा हो, जो जेहादियों की नकेल कसने के लिए पुराने सड़े और भेदभाव पूर्ण कानून के बदले नए कानून बना रहा हो। संक्षेप में, जो हिन्दुओ के लिए बात करता हो, वोट उसी को देना चाहिए।
ये भी पढ़े :
हिंदी महीनों के नाम के पीछे के क्या कारण है? जानें, माह के प्रमुख हिन्दू त्यौहार !
लेखन :
Mob. No. +91-8882328898
(राजीव सिन्हा दिल्ली के लेखक है। इस तरह के कंटेंट लेखन के लिए राजीव सिन्हा से आप भी संपर्क कर सकते है।)